इस अवसर पर जुआ खेलकर, आतिशबाजी करके वातावरण को विषाक्त करना तथा धन का अपव्यय करना, धमाके करके रोगी, वृद्घजनों एवं विद्यार्थियों को कष्ट पहुंचाना धर्मिक कार्य नहीं है।
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दुष् धातु में शामिल इन्हीं भावों का असर नज़र आता है दूषण या दूषणम् पर जिसका अर्थ विषाक्त करना, बर्बाद करना, मिटाना, नष्ट करना आदि है।
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इस अवसर पर जुआ खेलकर, आतिशबाजी करके वातावरण को विषाक्त करना तथा धन का अपव्यय करना, धमाके करके रोगी, वृद्घजनों एवं विद्यार्थियों को कष्ट पहुंचाना धर्मिक कार्य नहीं है।